Anunay SachanTo be, or not to be a Dalit in 21st centuryEvery year on 14th April we celebrate the birth anniversary of Bhim Rao Ambedkar. A scholar, social reformer and most widely known as the…Apr 14, 2020Apr 14, 2020
Anunay Sachanजब सावन में मूसलाधार बारिश होगी सूरज की तेज चिलचिलाती किरणे होगी, पाँव की खाल उधड़ उधड़ सी जाएगी…मेरा मनोबल ढल ढल सा जायेगा रिश्तों के नाम पे सकपकाता चेहरा रेह जएगा, खोने के लिए सिर्फ जूनून बचेगा टूट ते सपने होंगे और हर दिन जिस्म से…Dec 9, 2018Dec 9, 2018
Anunay Sachanभेड़ चालतनिक तिनकों की भीड़ है कोई दौड़ता तो कोई पैदल चलता वीर है, रफ़्तार तो देखो पेड़ भी पीछे भाग रहे हैं अचरज़ है मुझे सब एक दिशा में क्यों जा रहे…Dec 9, 2018Dec 9, 2018
Anunay Sachanअरे ए रुपैया ओ रुपैयाअरे ए रुपैया ओ रुपैया सबका मर्ज़ है ये भैया खनक खनक ये करता है पाँव नहीं पर चलता है सब जन का व्यव्हार बताता ग़रीब-अमीर में फर्क दिखलाता…Sep 25, 20161Sep 25, 20161
Anunay Sachanठहर जा ओ रे लम्हेठहर जा ओ रे लम्हे तेरी याद में यूँ वक़्त गुजर गया , तेरे सफर में चलते चलते यूँ काटों से गुजर गया । कोई पल था जहाँ ज़िंदगानी गहमी सी थिरकती…Sep 22, 2016Sep 22, 2016
Anunay Sachanरिश्तेआँखों में आँसू नम है मानो पल दो पल के लिए अपने भी पराये हो गए , निकले थे सब कुछ हासिल करने पर सब कुछ खो गया| वो माँ की गोद में लोरी सुनना…Sep 22, 2016Sep 22, 2016
Anunay Sachanसन्नाटाएक भारी सन्नाटा है जो अंदर ही अंदर मुझे खाता है , मेरे मन के तार उधेल जाता है असीमित दर्द सा दे जाता है।Sep 22, 2016Sep 22, 2016
Anunay Sachanकुछ कहती हैं ये किताबेंपुस्तकालय का दृश्य है कुर्सियां बिछी हुई थी और अलमारी खड़ी , थोड़ी सी भीड़ थी पर सब शांत थे सबके हाथों में किताब और कलम थी| पर कुछ हलचल सी…Sep 21, 2016Sep 21, 2016
Anunay Sachanनूर-ए-इश्क़जिस्म मेरा हो पर रूह तेरी खुशियाँ मेरी हों पर मुस्कान तेरी , तेरे रूह की खुशबू का एहसास कर सकूँ तेरे जिस्म की जो तपन है उसे महसूस का…Sep 20, 2016Sep 20, 2016